प्रश्न 1: भारतीय लोकतंत्र के समक्ष प्रमुख समस्याएँ क्या है ?
उत्तर - भारतीय लोकतंत्र के समक्ष प्रमुख समस्याएँ है ।
1. जातिवाद ।
2. साम्प्रदासिकता
3. भ्रष्टाचार
4. निर्धनता
5. अशिक्षा
6. बेरोजगारी ।
7. महँगाई
8. अलगाववाद
प्रश्न 2: सम्प्रदायिकता का क्या अर्थ है ? इस समाजिक बुराई से भारत को क्या क्या हानियाँ हुई है ?
उत्तर - सम्प्रदायिकता क्या अर्थ है अपने संप्रदाय के लिए दूसरे संप्रदाय की अवहेलना करना तथा समाजिक और मानसिक रूप से उन्हें नुकसान पहूँचाना , यहाँ तक कि राष्ट्रीय हितों की भी अवहेलना करना । जब सम्प्रदायिकता का आधार धर्म हो तो उसे धार्मिक सम्प्रदायिकता कहते है।
इस समाजिक बुराई से भारत को क्या क्या हानियाँ हुई है।
1. इस समाजिक बुराई से 1947 में देश का विभाजन हुआ ।
2. इस समाजिक बुराई से देश में कई बार सम्प्रदायिक दंगे हुए है जिससे सैकडों लोगों की जानें गई है।
3. इससे आपसी सदभाव समाप्त हो जाता है।
4. इससे देश की अर्थव्यवस्था को काफी नुकसान पहूँचता है।
प्रश्न 3: आर्थिक विषमता लोकतंत्र की सफलता में किस प्रकार बाधक है ?
उत्तर -
1. आर्थिक विषमता के कारण धनी लोग निर्धन वर्ग का शोषण करते है।
2. इसके कारण आपसी बंधुता का भावना समाप्त हो जाती है।
3. अर्थिक असमानता के रहते हुए हम लोकतंत्र की सफलता का कामना नहीं कर सकते है।
4. आर्थिक विषमता के कारण राजनितिक समानता प्राप्त नहीं किया जा सकता जो लोकतंत्र की निशानी नहीं है।
प्रश्न - महिलाओं की असमानतादूर करने के लिए कोई तीन उपाय सूझाइए ।
उत्तर -
1. महिलाओं को अपने अधिकारों के लिए संधर्ष करना चाहिए।
2. महिलाओं की असमानतादूर करने के लिए उन्हे उच्च शिक्षा की ओर अग्रसर करना चाहिए।
3. महिलाओं को समानता दिलाने के लिए कानून बनना चाहिए।
प्रश्न 4: क्षेत्रवाद भारतीय लोकतंत्र के लिए किस प्रकार खतरा है ?
उत्तर -
1. क्षेत्रवाद देश की एकता और अखण्डता के लिए खतरा है।
2. क्षेत्रवाद को जन्म देने वाले क्षेत्रिय नेता कई बार अलग राज्य या देश की माँग करने लगते है।
3. क्षेत्रवाद के कारण राज्यों के मध्य विवाद उत्पन्न हो जाते है।
4. क्षेत्रवाद के कारण हिंसा में बृद्धि होती है तथा कानून व्यवस्था को गहरा आघात पहँुचता है।
प्रश्न 5: अच्छे लोकतंत्र की तीन विशेषता बताइए।
उत्तर -
1. लोगो द्वारा चुनी गइ सरकार ही सारे फैसले लेती है।
2. चुनाव में लोगों को अपने मत के अनंुसार अपना नेता चुनने का अधिकार होता है।
3. यह सर्वसधारण की हितो की रक्षा करता है।
4. यह समानता के सिद्धांत पर कार्य करता है।
5. यह नागरिकों सभी प्रकार की स्वंतंत्रता का अधिकार देता है।
प्रश्न 6: लोकतंत्र की तीन अवगुण बताइए।
उत्तर -
1. लोकतंत्र में जनता द्वारा अयोग्य व्यक्ति को भी चुन लिया जाता है तो वह शासक बन जाता है।
2. यह गुणों की अपेक्षा संख्या को अधिक महत्व देता है।
3. यह अस्थाई और खर्चिला शासन होता है।
प्रश्न 7: भारत पर औद्योगिकरण का तीन समाजिक प्रभावों का वर्णन करो ।
अथवा
भारतीय समाज पर औद्योगिकरण के प्रभावों का वर्णन करो।
उत्तर : भारतीय समाज पर औद्योगिकरण के निम्नलिखित प्रभाव है :
1. औद्योगिकरण के कारण भारतीय समाज से जाति प्रथा और छुआछूत लगभग समाप्त हो चुका है।
2. औद्योगिकरण के कारण समाजिक समानता अब आ गई है गरीब लोग अब अमीर होने लगे है।
3. औद्योगिकरण के कारण भारतीय समाज से बंधुआ मजदूरी तथा मजदूरों का शोषण लगभग समाप्त हो चुका है।
4. औद्योगिकरण के कारण भारतीय समाज दो भागों में बँट गया है। पहला पूँजीपति वर्ग और दूसरा श्रामिक वर्ग ।
प्रश्न 8: आतंकवाद शब्द से क्या अभिप्राय है ?
उत्तर - आतंकवाद एक ऐसा शब्द है जो लोगो के मनोमस्तिष्क में खौफ तथा डर पैदा करता है। जो लोग आतंकवाद फैलाते है एक ही उदेश्य होता है बम धमाके करके लेागों में डर फैलाना और अपनी नाजायज माँगे पूरी करवाना ।
प्रश्न 9: जातिवाद राजनिति को किस प्रकार प्रभावित करता है।
उत्तर : जातिवाद राजनिति को निम्न प्रकार से प्रभावित करता है।
1. जातिवाद के आधार पर राजनिति में गलत या अयोग्य लोग चले आते है ।
2. जातिवाद से किसी एक जाति के ही राजनितिक उदेश्य पूरा होते है अन्य जातियों के लोगों का अनदेखी होती है।
3. जातिवाद से जातिय संर्धष बढने का खतरा होता है जिसका फायदा जातीय राजनिति करने वाले नेता उठाने लगते है।
4. चुनाव में जातीय आधार पर उम्मिद्वारों का चयन होने लगता है जिससे अन्य जातियों को नुकसान पहूँचता है।
मुख्य-बिंदु :
- दबाव समूह - लोगों का ऐसा समूह जो अपनी उदेश्य या माँगो की पूर्ति के लिए प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से सरकार पर दबाव डालती है |
- हित समूह - लोगों का समान हित और लक्ष्य से प्रेरित औपचारिक संगठन |
- माओवादी - चीन की क्रांति के नेता माओं के विचारधारा को मानने वाले लोग |
- एस. पी. ए. (Seven Party Allience) : नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना के लिए संसद की सभी बड़ी राजनैतिक पार्टियों द्वारा बनाया गया सात दलों का गठबंधन |
- मार्शल लॉ - जब किसी देश का शासन वहाँ की सेना के हाथों में आ जाता है, तो इसे मार्शल लॉ कहा जाता है |
- नेपाल में सर्वप्रथम लोकतंत्र की स्थापना 1990 ई० में हुई |
- लामबंदी - जनहित के लिए लोगों का एकजुट होकर आन्दोलन चलाना |
- फेडकोर - बोलीविया में जन-संघर्ष का नेतृत्व करने वाला संगठन |
- बामसेफ (BAMCEF) - बैकवर्ड एंड माइनॉरिटी कम्युनिटी एम्प्लाइज फेडरेशन | यह पिछड़े एवं अल्पसंख्यक समुदाय कर्मचारीयों का परिसंघ है |
- संगठन - किसी विशेष उद्देश्य की प्राप्ति के लिए एकत्रित एवं व्यवस्थित जन-समूह संगठन कहलाता है |
- बोलीविया - लैटिन अमेरिका का एक निर्धन देश |
- निर्वाचन - वह पद्धति जिसके द्वारा मतदाता अपने प्रतिनिधियों का चुनाव करता है |
- सार्वभौमिक व्यस्क मताधिकार - 18 वर्ष या उससे अधिक आयु के सभी नागरिकों को सरकार के निर्वाचन में मत देने का अधिकार |
- चुनाव याचिका - चुनाव के वक्त गलत तरीकों का प्रयोग करके मतदान को प्रभावित करने पर किसी भी सदस्य द्वारा न्यायलय में चुनाव याचिका प्रस्तुत की जाती है | जिसका न्यायलय परिक्षण करता है |
- चुनाव घोषणा पत्र - यह राजनीतिक दलों द्वारा जरी किया गया एक प्रकार का पत्र होता है जिसमें उनके नीतियों, कार्यक्रमों तथा उद्देश्यों का विवरण होता है |
- सन 2006 के अप्रैल महीने में नेपाल में एक लोकतंत्र कायम करने के लिए एक जन-आन्दोलन शुरू हुआ |
- बोलीविया का जल युद्ध बोलीविया में पानी के निजीकरण के खिलाफ लोगों का संघर्ष था |
दबाव समूह एवं हित समूह
दबाव समूह के गुण :
(i) ये प्रत्यक्ष रूप से सरकार में भागीदार नहीं होते |
(ii) इनका संगठन ढीला-ढाला होता है |
(iii) इनका प्रभाव सीमित होता है |
(iv) ये निश्चित उद्देश्य के लिए कार्य करते हैं |
(v) ये सरकार की नीतियों को प्रभावित करते हैं |
दबाव समूह और आन्दोलनों द्वारा राजनिति पर असर डालने के तरीके:
(i) सुचना अभियान चलाकर
(ii) बैठकें आयोजित करके
(iii) मीडिया को प्रभावित करके
दबाव समूहों का राजनिति में प्रभाव :
(i) राजनितिक दल और सरकार पर दबाव डालकर अपनी माँगे मनवाना |
(ii) जन-आन्दोलन द्वारा जनता की सहानुभूति और समर्थन प्राप्त करना |
(iii) सुचना अभियान और मीडिया के द्वारा सरकार और जनता को प्रभावित करना |
(iv) वोट बैंक के लिए राजनितिक दलों द्वारा इन समूहों को अपने पक्ष में करने की कोशिश करना |
(v) ये बड़े-बड़े नेताओं को अपने संगठन से जोड़ने की कोशिश करते है ताकि इनका प्रभाव बढ़ सके |
(vi) अप्रत्यक्ष रूप से उम्मीदवारों की मदद करते हैं |
दबाव समूहों के उदाहरण:
(i) किसान संघ - अखिल भारतीय किसान यूनियन
(ii) अध्यापक संघ - अखिल भारतीय अध्यापक परिषद्
(iii) छात्र संघ - अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद्
(iv) व्यापारी संघ - अखिल भारतीय व्यापार मंडल
दबाव समूहों का राजनितिक संबध :
(i) कुछ मामलों में दबाव समूह राजनितिक दलों द्वारा ही बनाए गए होते हैं |
(ii) बहुत से दबाव समूह राजनितिक दलों के शाखा के रूप में कार्य करते हैं |
(iii) राजनीतिक दलों द्वारा बनाए गए दबाव समूहों के अधिकतर नेता प्राय: किसी न किसी राजनीतिक दल के कार्यकर्ता अथवा नेता होते हैं |
(iv) कई बार यही दबाव समूह आन्दोलन से हटकर राजनीतिक दल का रूप ले लेते हैं |
हित समूह के कार्य:
(i) जनमत का निर्माण करना
(ii) हड़तालों और प्रदर्शनों की व्यवस्था करना
(iii) निर्वाचन के समय राजनितिक दलों को समर्थन
राजनीतिक दल
राजनीतिक दलों का गुण :
(i) ये जनता से सीधे जुड़े होते है |
(ii) ये सरकार बनाते है |
(iii) ये पूरी तरह संगठित होते हैं |
(iv) इनका विस्तार क्षेत्र काफी बड़ा होता है |
(v) ये चुनाव प्रक्रिया में भाग लेते है |
राजनीतिक दलों के कार्यक्रम, नीतियाँ एवं उद्देश्य:
सभी राजनीतिक दलों का अपना कार्यक्रम, नीतियाँ एवं उद्देश्य होता है | वे अपनी नीतियों एवं उद्देश्यों को चुनाव के दौरान घोषणा पत्र के द्वारा जनता तक पहुँचती हैं | घोषणा पत्र इनके कार्यक्रम, नीतियाँ एवं उद्देश्यों का विवरण होता है |
घोषणा पत्र का महत्व :
(i) इसके द्वारा किसी दल की आंतरिक या बाहरी नीतियों का पता चलता है |
(ii) चुनाव पश्चात् किये जाने वाले कार्यों की जानकारी मिलती है |
(iii) इनमें वर्णित कार्यों को कराने के लिए जनता सरकार पर दबाव डालती है |
जन-आन्दोलन:
अप्रैल 2006 में नेपाल में हुए जन-आन्दोलन:
कारण:
(i) नेपाल के राजा वीरेन्द्र की अचानक हत्या होने के बाद नेपाल में राजनितिक संकट का पैदा होना |
(ii) नए शासक राजा ज्ञानेंद्र द्वारा लोकतान्त्रिक शासन को स्वीकार करने के लिए तैयार नहीं होना |
(iii) तत्कालीन प्रधानमंत्री को अपदस्थ करके जनता द्वारा निर्वाचित सरकार को भंग कर दिया जाना |
परिणाम :
(i) यह बहुत बड़े जन-आन्दोलन का रूप ले लिया |
(ii) हजारों लोग सडकों पर आ गए |
(iii) राजा को सारी माँगे माननी पड़ी |
- किसान संघ, अध्यापक संघ, छात्र संघ एवं व्यापारी संघ आदि दबाव समूह के उदहारण हैं |
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