Chapter chapter 3. जल संसाधन

अध्याय-समीक्षा :


  • विश्व में जल के आयतन का 96.5 प्रतिशत भाग महासागरों में तथा केवल 2.5 प्रतिशत भाग अलवणीय जल है।
  • भारत की अधिकतर नदियाँ विशेषकर सरिताएँ प्रदूषण के कारण जहरीली धाराओं में परिवर्तित हो चुकी है।
  • नदी बेसिन - मुख्य नदी तथा उसकी सहायक नदियों द्वारा कुल सिंचित क्षेत्र।
  • नर्मदा बचाओ आंदोलन - नर्मदा नदी पर सरदार सरोवर बाँध बनाने के विरोध में चलाया गया आंदोलन।
  • पॉलर पानी - राजस्थान के कुछ भागो में वर्षा जल का सबसे शुद्ध रूप।
  • भूमिगत जल - मृदा के नीचे बिछे हुए शैल आस्तरण छिद्रों और परतों में एकत्र होने वाला जल।
  • वर्षा जल संग्रहण - वर्षा जल को गड्ढों में एकत्र करना।
  • जल विद्युत - ऊँचे स्थानों से जल धारा को नीचे गिराकर उत्पन्न की गई विद्युत।
  • जल प्रपात - नदी घाटी के मध्य में ऊँचाई से गिरने वाला झरना।
  • बाँध - बहते जल को रोकने, दिशा देने या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा है जो आमतौर पर जलाशय, झील अथवा जलभरण बनाती है।
  • बहुउद्देशीय परियोजनाएँ - नदियों पर बाँध बनाकर एक बार में अनेक उद्देश्यों को प्राप्त करने का प्रयत्न किया जाता है।
  • बहुराष्ट्रीय कंपनियाँ - वे कंपनियाँ जिनके उद्योग संस्थान एक से अधिक देशों में कार्य करते हैं तथा अनेक देशों में पूंजी निवेश करते हैं तथा अधिक लाभ अर्जित करते हैं।
  • बाँस ड्रिप सिंचाई प्रणाली - नदियों व झरनों के जल को बाँस के बने पाइप द्वारा एकत्रित करके सिंचाई करना बाँस ड्रिप सिंचाई कहलाता है।
  • अभ्यास : 3 (जल संसाधन)


    1. निम्नलिखित प्रशनों के उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए |

    (i) व्याख्या करें कि जल कस प्रकार नवीकरण योग्य संसाधन है ?

    उत्तर:- जल का नवीकरण प्राकृतिक रूप से जलचक्र द्वरा होता रहता है | हमें मिलाने वाला अलवणीय जल सतही , अपवाह तथा भू - जल स्रोतों से हासिल होता है जिसका निरंतर नवीकरण तथा पुनर्भरण जलीय चक्र के जारी होता रहता है | सूर्य की गर्मी से वाष्पीकरण की क्रिया द्वारा जलवाष्प संघनित होकर बादलों के र्रोप में एकत्रित हो जाते है | जो ठंडे पृथ्वी पर वर्षा का यह जल दोबारा नदी से होते हुए सागरों में पहुँचाता है और दोबारा जलावाष्प के रूप में संघनित होने लगता है | इस तरह जलचक्र लगातार गतिशील रहता है | 

    (ii) जल दुर्लभता क्या है और इसके मुख्य कारण क्या है ?

    उत्तर :- मूलभूत आवश्यकताओं की पूर्ति के लिए जल की कमी जल दुर्लभता कहलाती है | इसके प्रमुख कारण है - 

    (क) समाज में जल का असमान वितरण |

    (ख) अत्यधिक और निरंतर बढाती जनसंख्या |

    (ग) उपलब्ध जल का अति - उपयोग |

    (घ) जल प्रदूषण |

    (iii) बहुउद्देशीय परियोजनाओं से होने वाले लाभ और हानियों के तुलना करें ? 

    उत्तर :- लाभ :- (क) बाढ़ पर रोक लगाने में सहायक है |

    (ख) बिजली उत्पादन में बढ़ोतरी होती है |

    (ग) मछली पालन में सहायक है |

    (घ) पर्यटन को बढ़ावा मिलाता है |

    हानि :- (क) नदियो का बहाव बाधित होता है परिणामस्वरूप तलछटीय बहाव धीमा पड़ जाता है |

    (ख) जलाशय की तली में अत्यधिक तलछट इकट्ठा हो जाता है | 

    (ग) जल प्रदुषण जैसी कठिनाइयाँ पैदा होती है | 

    (घ) जलाशयों के निर्माण से मैदान में उपसिथत वनस्पति व मिटटी , जल में डूबकर अपघटित हो जाती है | 

    2. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए ?

    (i) राजस्थान के अर्ध - शुष्क क्षेत्रों में वर्षा जल संग्रहण किस प्रकार किया जाता है ? व्याख्या कीजिए ?

    उत्तर :- राजस्थान के बीलानेर , फलोदी और बाड़मेर आदि जगहों पर पीने के पानी को इकट्ठा करने हेतु भूमिगत टैंक अथवा टंका प्रयोग किया जाता है | यह मुख्य घर या आँगन में बनाया जाता है | ये टैंक घर की ढलवाँ छतों के माध्यम से पाइप के जारी जुड़े होते है | वर्षा का जल इन पाइपों से होकर टैंक तक पहुँचाता है | पहली वर्षा के जल का संग्रह नहीं किया जाता बलिक इसे टैंक और पाइप आदि को साफ़ करने में उपयोग किया जाता है |

    (ii) परंपरागत वर्षा जल संग्रहण की पद्धतियों को आधुनिक काल में अपना करा जल संरक्षण एवं भंडारण किस प्रकार किया जा रहा है |

    उत्तर :- वर्षा जल संग्रहण पद्धति , वर्षा के जल को पीने के लिए एकत्रित करने की एक विधि है | ज्यादा आबादी वाले नगरों , जहाँ पीने योग्य पानी की कमी होती है , ये पद्धतीन अपनाई जा सकती है इसका प्रारूप इस प्रकार है -

    (क)पानी को साफ़ करनें के लिए एक तीन - स्तरीय छनन प्रक्रिया का इस्तेमाल किया जा सकता है 

    (ख) पाइप की मदद से जल को टैंक तक ले जाया जाता है |

    (ग) कुँए के जल से पानी का पुनर्भरण किया जा सकता है |

    (घ) हौज अथवा टैंक के आलावा पानी को कुएँ आदि तक ले जाया जा सकता है |

  • अभ्यास :3. जल संसाधन 


    1.अलवणीय जल :- सतही अपवाह और भौमजल स्त्रोतों से प्राप्त होता है |

    2. जल एक नवीकरणीय संसाधन :- अलवणीय जल हमें सतही अपवाह और भौमजल स्त्रोत से प्राप्त होता है जिनका लगातार  नवीकरणीय और पुनचक्रण जलीय चक्र द्वारा होता है | समुद्रों से जल वाष्पीकृत होकर बरसते है जिसके कारण जल पूर्ति होती है तथा जल समाप्त नहीं होते है इसलिए जल  नवीकरणीय संसाधन हैं |

    3. 2.5 % जल अलवणीय जल है |

    4. जल दुर्लभता :- पृथ्वी पर आवश्कता से कम जल की उपलब्धता को जल दुर्लभता कहते है |

    5. जल दुर्लभता के कारण :-

    (1) जल की अधिक उपयोग |

    (2) जल को प्रदूषित करना या जल प्रदुषण |

    (3) बढ़ती जनसंख्या के कारण जल की माँग बढ़ रही हो जिसके कारण जल की कमी हो रही है |

    (4) अनाज उगाने के लिए जल का अतिशोषण |

    (5) जल की ख़राब गुणवता के कारण जल होते हुए भी हम उसे प्रयोग नहीं कर सकते है |

    (6) शहरों की बढ़ती जनसंख्या से कारण वहाँ शहरी जीवन शैली के लिए अधिक जल और ऊर्जा की आवशकता होती है जिसकी पूर्ति के लिए जल संसाधन के आवशकता होती है |

    (7) फैकिट्रयों द्वारा निकालने वाले रसायन के कारण जल जहरीला होआ जा रहा है जिसे हम नहीं प्रयोग कर सकते है | 

    (8) जल की ख़राब गुणवत्ता के कारण जल होते हुए भी हम उसे प्रयोग नहीं कर सकते है |

    (9) बहुराष्ट्रीय कंपनियों में ऊर्जा की पूर्ति के लिए जल विघुत का उपयोग किया जाता है जिसके कारण जल का अधिक उपयोग हो रहा है |

    (10) शहीरकरण और औघोगीकरण के कारण जल की माँग बढ़ रही है | 

    6. बहुउद्देशीय नदी परियोजनाएँ :- वे नदी परियोजनाएँ जो बहुत सारे  उद्देशीयों की पूर्ति के लिए बनाएँ जाते है वे बहुउद्देशीय परियोजनाएँ कहलाते है |

    7. बाधँ :- बाधँ बहते हुए जल को रकोने , दिशा देना या बहाव कम करने के लिए खड़ी की गई बाधा  है जो आमतौर पर जलाशय झील अथवा जलभरण बनती है |

    8. बाँधो का वर्गीकरण :-

    (i) संरचना के अनुसार

    (ii) संरचना या ऊचाँई  के अनुसार

    9.(a)  संरचना के अनुसार  :- उनमें  प्रयुक्त पदार्थी के आधार पर बाँधो को लकड़ी के बाँध , तट बाँध , पक्का बाँध के बाँट जा सकता है |

    (b) संरचना या ऊचाँई के अनुसार :- उचांई  के अनुसार बांधों को बड़े बांधों या नीचे बाँध , माध्यम बाँध और उच्च बाँधों में वर्गीकृत किया जा सकता है |

    10. बाँधों को  बहुउद्देशीय  परियोजनाएँ कहा जाता है :- क्योकिं बाँधों के द्वारा बहुत सारे उद्देशीय की पूर्ति की जाती है जैसे :- विघुत उत्पादन , घेरलू और औघोगीकरण उपयोग , जल आपूर्ति , बाढ़ नियंत्रण , मनोरंजन , आतंरिक नौवालन और मछली पालन , सिचाई आदि | बहुउद्देशीय परियोजनाएँ

    में भी बहुत सारे उद्देशीयो की पूर्ति होती है | इसलिए बाँध को बहुउद्देशीय परियोजना कहा जाता है | 

    11. बहुउद्देशीय परियोजनाएँ की हानियाँ :-

    (1) जलाशलों के किनारे कचरे के जमा होने के कारण जलीय जीव - आवासों में भोजन के कमी हो जाती है |

    (2) जलाशयों के किनारे कचरे तथा तल छटो का जमा होना |

    (3) वहाँ के निवासियों को अपना आवास तथा अपनी जमीन छोड़कर जाना पड़ता है |

    (4) नदी के किनारे तलछट जमा होने के कारण बाढ़ आने का खतरा बना रहता है |

    (5) बाँध नदियों को टुकड़ों  में बाँट देते है | जिससे भंडा देने की ऋतु में जलीय जीवों का नदियों में स्थातरण अवरूध हो जाता है   

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