Chapter Chapter 5. उपभोक्ता अधिकार

अध्याय-समीक्षा 


  • उपभोक्ता - वह व्यक्ति जो बाज़ार से चीजें खरीदकर उनका उपयोग करता है | 
  • उत्पादक - वह व्यक्ति जो वस्तु और सेवाओं का निर्माण करता है |
  • कोपरा - उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 1986 |
  • एफ. ए. ओ. - खाध्य एवं कृषि संगठन |
  • डब्लू. एच. ओ. - विश्व स्वास्थ्य संगठन |
  • आई. एस. आई. - भारतीय मानक संसथान |
  • आई. एस. ओ. - अंतर्राष्ट्रीय मानकीकरण संगठन |
  • बी. एस. आई. - भारतीय मानक ब्यूरों |
  • पी. डी. एस. सार्वजानिक वितरण प्रणाली |
  • एन. सी. सी. - राष्ट्रीय उपभोक्ता आयोग |
  • रैल्फ नाडर - उपभोक्ता आन्दोलन का जन्मदाता |
  • उपभोक्ता अधिकार - इसमें उपभोक्ता हित से जुड़े प्रसंगों और वस्तुओं की जानकारी सम्मिलित है |
  • उपभोक्ता जागरूकता - इसका अर्थ है उपभोक्ताओं का अपने अधिकारों एवं कर्तव्यों के प्रति सचेत होना होता है |
  • मानकीकरण - उत्पादों की गुणवता, आकार तथा बनावट आदि की गुणवता सुनिश्चित करने की प्रक्रिया को मानकीकरण कहते हैं |
  • 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है |
  • 15 मार्च को विश्व उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है | 
  • एगमार्क का उपयोग खाने-पीने की वस्तुओं की गुणवता के लिए उपयोग किया जाता है |
  • सोने के आभूषणों के लिए हॉल मार्क का चिन्ह का प्रयोग किया जाता है | 
  • आई. एस. आई. चिन्ह का प्रयोग इलेक्ट्रॉनिक वस्तुओं या उपकरणों के लिए किया जाता है | 
  • प्रश्न 1: ऐसे कुछ तरीके बताइए जिनसे दुकानदारों द्वारा उपभोक्ताओं a वस्तु खरीदते समय शोषण किया जाता है |

    उत्तर :

    (1) घाटियां किस्म की वस्तुएँ देना |

    (2) कम मापना या तौलना आदि |

    (3) अधिकतम खुदरा मूल्य से भी अधिक मूल्य वसूलना |

    (4) नकली वस्तुएँ देना |

    (5) मिलावटी/ दोषपूर्ण वस्तु देना |

    (6) जमाखोरी 

    (7) झूठी या अधूरी सूचना देना |

    (8) उपभोक्ताओं के साथ बुरा व्यवहार करना | 

    प्रश्न 2: कोपरा क्या है ? यह कैसे उपभोक्ताओं की मदद करता है ? 

    उत्तर : कोपरा (COPRA) का पूरा नाम उपभोक्ता सुरक्षा अधिनियम 1986 है, जो विभिन्न प्रकार से उपभोक्ताओं के शोषण से सुरक्षा प्रदान करता है | 

    (1) दुकानदारों की मनचाही कीमत वसूलने, घटिया वस्तु देने कम तोलने, मिलावट को रोकने तथा नकली वस्तुओं से उपभोक्ताओं को बचाने के लिए यह अधिनियम बनाया गया है |

    (2) इस कानून के अंतर्गत कोई भी ठगी का शिकार उपभोक्ता, उपभोक्ता न्यायालय में आवेदन देकर न्याय प्राप्त कर सकता है |

    (3) यह अधिनयम व्यावसायिक कंपनियों और सरकार पर दबाव डालने में सफल हुआ है |  

    प्रश्न 3: सूचना के अधिकार (RTI) से आप क्या समझते है ? 

    उत्तर : सन 2005 के अक्टूबर में भारत सरकार में एक कानून लागु किया जी RTI या सूचना पाने का अधिकार के नाम से जाना जाता है | यह अधिकार नागरिकों को सरकारी विभागों के कार्यकलापों की सभी सूचनाएँ पाने का अधिकार सुनिश्चित करता है | 

    प्रश्न 4: उपभोक्ताओं के कोई चार अधिकार बताओं ? 

    उत्तर : उपभोक्ताओं के चार निम्नलिखित अधिकार हैं -

    (i) सुरक्षा का अधिकार 

    (ii) सूचना पाने का अधिकार 

    (iii) चुनने का अधिकार 

    (iv) सुनवाई का अधिकार 

    प्रश्न 5: भारत सरकार ने उपभोक्ताओं को सुरक्षा प्रदान करने के लिए कौन-कौन से कदम उठाई है ? 

    उत्तर :

    (i) क़ानूनी कदम : उपभोक्ता सुरक्षा अधिनयम 1986 (COPRA) लाया गया है |

    (ii) प्रशासनिक कदम : उपभोक्ताओं के शिकायत पर तुरंत कारवाई करना और उपभोक्ता न्यायालयों का गठन साथ-ही साथ उपभोक्ताओं के लिए अलग से मंत्रालय भी बनाया गया है|

    (iii) तकनीकी कदम : भारत सरकार उपभक्ताओं को जागरूक करने के लिए विभिन माध्यम और तकनीकों द्वारा भिन्न-भिन्न कदम उठाती रहती है | 

    प्रश्न 6: उपभोक्ताओं के शोषण के लिए उत्तरदायी कारकों की व्याख्या कीजिए |

    उत्तर : 

    (i) दुकानदारों द्वारा सिमित सूचना देना |

    (ii) निम्न साक्षरता का होना |

    (iii) सिमित पूर्ति 

    (iv) सिमित प्रतियोगिता 

    (v) उपभोक्ताओं में जागरूकता का आभाव  

No comments: