क्या आंदोलन और आंदोलन और विरोध की कार्यवाहियों से देश का लोकतंत्र मजबत होता हैं अपने उत्तर की पुष्टि में उदाहरण दीजिए।

क्या आंदोलन और  आंदोलन और विरोध की कार्यवाहियों से देश का लोकतंत्र मजबत होता हैं   अपने उत्तर की पुष्टि में उदाहरण दीजिए।

ansअहिंसक और शांतिपूर्ण वाले गाँधीगिरी के आंदोलन और कानून के दायरे में रहकर देश तंत्र मजबूत होता है। हम अपने उत्तर की पुष्टि में निम्न उदाहरण दे सकते हैं

चिपको आंदोलन अहिंसक, शांतिपूर्ण चलाया गया एक व्यापक जन आंदोलन था। इससे पेड़ों कटाई वनों का उजड़ना रुका। पशु-पक्षियों, गिरिजनों को जल, जंगल, जमीन और स्वास्थ्यवर्द्धक पर्यावरण मिला। सरकार लोकतांत्रिक माँगों के सामने झुकी।

(ii) वामपंथियों द्वारा शांतिपूर्ण चलाए गए किसान और मजदूर आंदोलन द्वारा जन-साधारण में जागृति, राष्ट्रीय कार्यों में भागीदारी और सरकार को सर्वहारा वर्ग की उचित माँगों के लिए जगाने में सफलता मिली।

(iii) दलित पैंथर्स नेताओं द्वारा चलाए गए आंदोलनों, लिखे गए सरकार विरोधी साहित्यकारों की कविताओं और रचनाओं ने, आदिवासी, अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और पिछड़ी जातियों में चेतना पैदा की। दलित पैंथर्स राजनैतिक दल और संगठन बने। जाति भेद-भाव और छुआछूत को धक्का लगा। समाज में समानता, स्वतंत्रता, सामाजिक न्याय, आर्थिक न्याय, राजनैतिक न्याय को सुदृढ़ता मिली।

(iv) ताड़ी विरोधी आंदोलन ने नशाबंदी और मद्य निषेध के विरोध में वातावरण तैयार किया। महिलाओं से संबंधित अनेक समस्याएँ (यौवन उत्पीड़न, घरेलू समस्या, दहेज प्रथा और महिलाओं को विधायिकाओं में आरक्षण दिए जाने) मामले उठे। संविधान में कुछ संशोधन हुए और कानून बनाए गए।

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