द्वि-राष्ट्र सिद्धांत क्या है ?
Ans. शीत युद्ध के समय (1945-91) में दो अलग-अलग गुटों में विश्व विभक्त था। एक का नेतृत्व सोवियत संघ तो दूसरे का अमेरिका कर रहा था। इसे ही द्विध्रुवता कहा जाता है। वैसे राष्ट्र जो दोनों ध्रुवों से जुड़े थे द्वि-राष्ट्र सिद्धान्त के पोषक थे। द्वि-राष्ट्र सिद्धांत दो मतों, दो प्रभावों एवं दो ध्रुवों के मत को मानते थे।
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