रियो सम्मेलन के क्या परिणाम हुए?
अथवा, रियो सम्मेलन का आयोजन क्यों और कहाँ हुआ था ? इससे जुड़ी कुछ विशेषताएँ भी लिखिए।
Ans. 1. उद्देश्य एवं स्थान- 1992 में संयुक्त राष्ट्रसंघ का पर्यावरण और विकास के मुद्दे पर केन्द्रित एक सम्मेलन, ब्राजील के रियो डी जनेरियो में हुआ। इसे पृथ्वी सम्मेलन कहा जाता है।
2. विशेषताएँ (1) इस सम्मेलन में 170 देश, हजारों स्वयं सेवी संगठन तथा अनेक बहुराष्ट्रीय निगमों ने भाग लिया। वैश्विक राजनीति के दायरे में पर्यावरण को लेकर बढ़ते सरोकारों को इस सम्मेलन में एक ठोस रूप मिला।
(ii)Es me samelan मे पाँच साल पहले (1987) अवर कॉमन फ्यूचर' शीर्षक बर्टलैंड रिपोर्ट छपी लाया गया था कि आर्थिक विकास के चालू तौर-तरीके आगे चलकर टिकाऊ साबित
दक्षिणी हिस्से में औद्योगिक विकास की माँग ज्यादा प्रबल है और रिपोर्ट में इसी हवाले से चेतावनी दी गई थी।
(iii)रियो सम्मेलन में यह बात खुलकर सामने आयी कि विश्व के धनी और विकसित देश यानी गोलार्द्ध तथा गरीब और विकासशील देश यानी दक्षिणी गोलार्द्ध पर्यावरण के अलग-अलग अजेंडे बोकार हैं। उत्तरी देशों की मुख्य चिंता ओजोन परत की छेद और वैश्विक तापवद्धि (ग्लोबल वार्मिंग) को लेकर थी। दक्षिणी देश आर्थिक विकास और पर्यावरण प्रबंधन के आपसी रिश्ते को सुलझाने के लिए ज्यादा चिंतित थे।
(iv) रियो सम्मेलन में जलवायु-परिवर्तन जैव-विविधता और वानिकी के संबंध में कुछ नियमाचार निर्धारित हुए। इसमें 'एजेंडा-21' के रूप में विकास के कुछ तौर-तरीके भी सुझाए गए लेकिन इसके बाद भी आपसी अंतर और कठिनाइयाँ बनी रहीं।
(v) सम्मेलन में इस बात पर सहमति बनी कि आर्थिक वृद्धि से पर्यावरण को नुकसान न पहुँचे इसे 'टिकाऊ विकास' का तरीका कहा गया लेकिन समस्या यह थी कि 'टिकाऊ विकास' पर अमल कैसे किया जाएगा। कुछ आलोचकों का कहना है कि 'एजेंडा-21' का झुकाव पर्यावरण संरक्षण को सुनिश्चित करने के बजाय आर्थिक वृद्धि की ओर है।
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