Chapter chapter 6. विनिर्माण उद्योग

अध्याय-समीक्षा 


  • उद्योग : विनिर्माण का विस्तृत रूप उद्योग कहलाता है | 
  • विनिर्माण : मशीनों द्वारा बड़ी मात्रा में कच्चे माल से अधिक मूल्यवान वस्तुओं के उत्पादन को विनिर्माण कहते है | 
  • आधारभूत उद्योग : ऐसे उद्योग जो दुसरे उद्योगों के लिए अपने तैयार माल को कच्चे के रूप में आपूर्ति करते हैं जैसे लोहा और इस्पात उद्योग | 
  • औद्योगिक रुग्णता (बीमारी) : उद्योगों की हानि या उद्योगों का बंद होना | 
  • कुटीर उद्योग : छोटी मशीनों की सहायता से परिवार के द्वारा अपने घरों में संचालित उद्योगों को कुटीर उद्योग कहते हैं | जैसे - खादी एवं ग्रामोद्योग, हस्तकला, बुनाई इत्यादि | 
  • लघु उद्योग : वे औद्योगिक इकाईयाँ जो अल्पपूँजी एवं थोड़े ही श्रमिकों द्वारा संचालित की जाती है लघु उद्योग कहलाती है | 
  • भारी उद्योग : ऐसी औद्योगिक इकाइयाँ जिनमें भारी-भरकम माल का प्रयोग किया जाता है, भारी उद्योग कहलाते हैं | जैसे - लोहा एवं इस्पात उद्योग | 
  • कृषि आधारित उद्योग : प्राथमिक वस्तुओं या कृषि उत्पादों को औद्योगिक उत्पाद में बदलने वाले उद्योगों को कृषि आधारित उद्योग कहा जाता है | जैसे- वस्त्र उद्योग, जुट उद्योग और डेरी उद्योग इत्यादि | 
  • निजी क्षेत्र के उद्यम : किसी एक व्यक्ति या व्यक्तियों के समूह द्वारा संचालित कार्य या उद्यम जिसका उदेश्य लाभ कमाना होता है | 
  • सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम : सरकार के स्वामित्व और प्रत्यक्ष नियंत्रण वाले उद्योग जिनका उदेश्य सामाजिक कल्याण हो वे सामाजिक क्षेत्र के उद्यम कहलाते हैं | जैसे - SAIL, GAIL, रेलवे इत्यादि |
  • खनिजों पर आधारित उद्योग : जो उद्योग कच्चे माल के रूप में खनिजों का उपयोग करते हैं | बिजली के पंखे, सिलाई मशीने, कल पुर्जे इत्यादि |  
  • विदेशी विनिमय : एक देश की मुद्रा को दुसरे देश की मुद्रा में बदलने की प्रक्रिया को विदेशी विनिमय कहते है | 
  • रोलिंग स्टॉक : इंजन, माल डिब्बे सवारी डिब्बे जिनका रेल परिवहन में उपयोग किया जाता है | 
  • विदेशी मुद्रा : मुद्रा का वह जिसके द्वारा सरकार दुसरे देश से वस्तुएँ खरीदती अथवा बेचती है विदेशी मुद्रा कहलाती है | 
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    अभ्यास : 6 (विनिर्माण उघोग)


    1. बहुवैकलिप्क प्रश्न :-

    (a) निम्न में से कौन - सा चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त करता है ?

    (क) एल्यूमिनियम 

    (ख) चीनी 

    (ग) सीमेंट 

    (घ) पटसन 

    उत्तर :- (ग) सीमेंट | 

    (b) निम्न से कौन - सी एजेंसी सार्वजानिक क्षेत्र में स्टील को बाजार में उपलब्ध कराती है ?

    (क) हेल (HAIL)

    (ख) सेल (SAIL)

    (ग) टाटा स्टील 

    (घ) एम एन सी सी (MNCC)

    उत्तर :- (खसेल (SAIL) |

    (c) निम्न से कौन - सा उघोग बॉक्साइट को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करता है ? 

    (क) एल्युमिनियम 

    (ख) सीमेंट 

    (ग) पटसन 

    (घ) स्टील 

    उत्तर :- (क) एल्युमिनियम |

    (d) निम्न से कौन - सा उघोग दूरभाष , कंप्यूटर आदि संयत्र निर्मित करते है  ?

    (क) स्टील 

    (ख) इलैक्ट्रोनिक 

    (ग) एल्युमिनियम

    (घ) सूचना प्रौद्योगिकी 

    उत्तर :- (क) स्टील |

    2. निम्नलिखित प्रश्नों उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए |

    (a) विनिर्मीण क्या है ?

    उत्तर :- कच्चे माल के गुणों एवं उसके रूपम में परिवर्तन के द्वारा उसको ज्यादा मूल्यावाली वास्तु में बदलना विनिर्माण कहलाता है |

    (b) उघोगों की अवसिथती को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक बताएँ?

    उत्तर :- उघोगों की अवसिथ्ती को प्रभावित करने वाले तीन मुख्य भौतिक कारक है :-

    (क) प्राकृतिक संसाधन |

    (ख) कच्चे माल की उपलब्धता |

    (ग) जलवायु

    (c) औघोगिक अवसिथती को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक बताएँ ?

    उत्तर :- औघोगिक अवसिथती पर असर डालने वाले मानवीय कारक है :-

    (क) श्रम 

    (ख) पूँजी

    (ग) परिवहन सुविधाएँ|

    (d) आधारभूत उघोग क्या है ? उदहारण देकर बताएँ ?

    उत्तर :- वे उघोग जिनके कच्चे माल अथवा उत्पादन पर दूसरे उघोग आधारित उघोग कहालते है , यथा - ताँबा प्रगालन उघोग , लोहा एवं इस्पात उघोग आदि |

    3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए ?

    (a) समंवित इस्पात उघोग मिनी इस्पात उघोगों से कैसे भिन्न है ? इस उघोग की क्या समस्याएँ है ? किन सुधारों के अंतर्गत इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है ? 

    उत्तर :- समंवित इस्पात उघोग से हमरा आशय एक ऐसे इस्पात संयंत्र से है जिसमे माल से लेकर इस्पात बनाने तक की सभी क्रियाएँ की जाती है , जबकि मिनी इस्पात उघोगों वे छोटे संयंत्र हैं जिसमे उत्पादन प्रक्रिया के दौरान विघुत भट्टी , रद्दी ओइस्पत और स्पंज आयरन का प्रयोग किया जाता है | इन उघोगों में रि-रोलर्स होते है जिसमे इस्पात की  झिलिलयों का इस्तेमाल किया जाता है | इन उघोगों द्वारान प्राय : हलके स्टील या  निर्धारित अनुपात के कठोर व मिश्रित इस्पात का का उत्पादन किया जाता है |

    इस्पात उघोग की समस्याएँ निम्नलिखित है :-

    (क) कोकिंग कोयले की सीमित आपूर्ति और ज्यादा लागत |

    (ख) श्रमिकों की निम्न उत्पादकता |

    (ग) अविकसित अधोसंरचना |

    (घ) ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति | 

    इस्पात उघोग की उत्पादकता में बढ़ोतरी में निजी उघमियों के प्रयास तथा उदारीकरण एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का बड़ा योगदान रहा है | 

    (b) उघोग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते है ?

    उत्तर :- उघोग विभिन्न तरह के प्रदुषण यथा - जल , वायु , भूमि , तथा ध्वनि प्रदूषण के लिए उत्तरदायी है | ये पर्यावरण को निम्न तरह प्रदूषित करते है :-

    (क) उघोगों द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट पदार्थें के पानी में मिलाने से जल प्रदूषण होता है |

    (ख) उघोगों के कारण बड़ी नात्र ने विभिन्न तरह की जहरीली गैसों यथा - कार्बन हाई-ऑक्साइड एवं कार्बन मोनोऑक्साइडआदि का उत्सर्जन हिता है जो वायुमंडल को प्रदूषित करती है |

    (ग) मालबए के ढेर यथा - काँच , हानिकारक जहरीले रसायन , पैकिंग , औघिगिक बहाव आदोई मिटटी की उर्वरता को नष्ट करते है |

    (घ) कारखानों और तापघरों के गर्म जल के नदियों में मिलाने से जलीय ताप में बढ़ोतरी होती है तो विभिन्न जलीय जीवों के लिए हानिकारक है |

    (ड) परमाणु उर्जा संयत्रों से निकालने वाले रेडियों एकिटव पदार्थें से कैंसर , जन्मजात अपंगता और असमय प्रसव जैसी बीमारियाँ होती है |

    (च)उघोगों के भारी शोर के कारण ध्वनि प्रदूषण होती है | 

    इस तरह उघोग विभिन्न प्रकार के प्रदूषण एवं बीमारियों के कारण है |

    (c) उघोगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए उपायों की चर्चा करें ?

    उत्तर :- पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए कतितय परामर्श इस प्रकार है :-

    (क) जल की जरूत्रतों की पूर्ति के लिए वर्षा के जल का संग्रहण करना चाहिए |

    (ख) विभिन्न औघोगिक प्रक्रियाओं में पानी का न्यूनतम इस्तेमाल किया जाना चाहिए | इसके अलावा दो या दो से अधिक उत्तरोत्तर अवस्थाओं में जल का पुर्नच्रकण के द्वारा पुन : इस्तेमाल किता जाना चाहिए | 

    (ग) जिन स्थानों पर भूमिगत जलस्तर निम्न अवस्था में है वहाँ पर उघोगो द्वारा ज्यादा जल के निष्कासन पर कानून९इ प्रतिबन्ध होना चाहिए |

    (घ) उघोगों द्वारा गर्म तथा अपशिष्ट जल को नदियों आदि में प्रवाहित करने से पहले उसका शोधन किया जान चाहिए |

    (ड) ध्वनि अवशोषण उपकरण तथा कानों पर शोर को नियानित्रत करने वाले उपकरण पहने जाने चाहिए |

    (च) उर्जा सक्शन मशीनरी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए |

  • अभ्यास : 6 (विनिर्माण उघोग)


    1. बहुवैकलिप्क प्रश्न :-

    (a) निम्न में से कौन - सा चूना पत्थर को कच्चे माल के रूप में प्रयुक्त करता है ?

    (क) एल्यूमिनियम 

    (ख) चीनी 

    (ग) सीमेंट 

    (घ) पटसन 

    उत्तर :- (ग) सीमेंट | 

    (b) निम्न से कौन - सी एजेंसी सार्वजानिक क्षेत्र में स्टील को बाजार में उपलब्ध कराती है ?

    (क) हेल (HAIL)

    (ख) सेल (SAIL)

    (ग) टाटा स्टील 

    (घ) एम एन सी सी (MNCC)

    उत्तर :- (खसेल (SAIL) |

    (c) निम्न से कौन - सा उघोग बॉक्साइट को कच्चे माल के रूप में प्रयोग करता है ? 

    (क) एल्युमिनियम 

    (ख) सीमेंट 

    (ग) पटसन 

    (घ) स्टील 

    उत्तर :- (क) एल्युमिनियम |

    (d) निम्न से कौन - सा उघोग दूरभाष , कंप्यूटर आदि संयत्र निर्मित करते है  ?

    (क) स्टील 

    (ख) इलैक्ट्रोनिक 

    (ग) एल्युमिनियम

    (घ) सूचना प्रौद्योगिकी 

    उत्तर :- (क) स्टील |

    2. निम्नलिखित प्रश्नों उत्तर लगभग 30 शब्दों में दीजिए |

    (a) विनिर्मीण क्या है ?

    उत्तर :- कच्चे माल के गुणों एवं उसके रूपम में परिवर्तन के द्वारा उसको ज्यादा मूल्यावाली वास्तु में बदलना विनिर्माण कहलाता है |

    (b) उघोगों की अवसिथती को प्रभावित करने वाले तीन भौतिक कारक बताएँ?

    उत्तर :- उघोगों की अवसिथ्ती को प्रभावित करने वाले तीन मुख्य भौतिक कारक है :-

    (क) प्राकृतिक संसाधन |

    (ख) कच्चे माल की उपलब्धता |

    (ग) जलवायु

    (c) औघोगिक अवसिथती को प्रभावित करने वाले तीन मानवीय कारक बताएँ ?

    उत्तर :- औघोगिक अवसिथती पर असर डालने वाले मानवीय कारक है :-

    (क) श्रम 

    (ख) पूँजी

    (ग) परिवहन सुविधाएँ|

    (d) आधारभूत उघोग क्या है ? उदहारण देकर बताएँ ?

    उत्तर :- वे उघोग जिनके कच्चे माल अथवा उत्पादन पर दूसरे उघोग आधारित उघोग कहालते है , यथा - ताँबा प्रगालन उघोग , लोहा एवं इस्पात उघोग आदि |

    3. निम्नलिखित प्रश्नों के उत्तर लगभग 120 शब्दों में दीजिए ?

    (a) समंवित इस्पात उघोग मिनी इस्पात उघोगों से कैसे भिन्न है ? इस उघोग की क्या समस्याएँ है ? किन सुधारों के अंतर्गत इसकी उत्पादन क्षमता बढ़ी है ? 

    उत्तर :- समंवित इस्पात उघोग से हमरा आशय एक ऐसे इस्पात संयंत्र से है जिसमे माल से लेकर इस्पात बनाने तक की सभी क्रियाएँ की जाती है , जबकि मिनी इस्पात उघोगों वे छोटे संयंत्र हैं जिसमे उत्पादन प्रक्रिया के दौरान विघुत भट्टी , रद्दी ओइस्पत और स्पंज आयरन का प्रयोग किया जाता है | इन उघोगों में रि-रोलर्स होते है जिसमे इस्पात की  झिलिलयों का इस्तेमाल किया जाता है | इन उघोगों द्वारान प्राय : हलके स्टील या  निर्धारित अनुपात के कठोर व मिश्रित इस्पात का का उत्पादन किया जाता है |

    इस्पात उघोग की समस्याएँ निम्नलिखित है :-

    (क) कोकिंग कोयले की सीमित आपूर्ति और ज्यादा लागत |

    (ख) श्रमिकों की निम्न उत्पादकता |

    (ग) अविकसित अधोसंरचना |

    (घ) ऊर्जा की अनियमित आपूर्ति | 

    इस्पात उघोग की उत्पादकता में बढ़ोतरी में निजी उघमियों के प्रयास तथा उदारीकरण एवं प्रत्यक्ष विदेशी निवेश का बड़ा योगदान रहा है | 

    (b) उघोग पर्यावरण को कैसे प्रदूषित करते है ?

    उत्तर :- उघोग विभिन्न तरह के प्रदुषण यथा - जल , वायु , भूमि , तथा ध्वनि प्रदूषण के लिए उत्तरदायी है | ये पर्यावरण को निम्न तरह प्रदूषित करते है :-

    (क) उघोगों द्वारा उत्सर्जित अपशिष्ट पदार्थें के पानी में मिलाने से जल प्रदूषण होता है |

    (ख) उघोगों के कारण बड़ी नात्र ने विभिन्न तरह की जहरीली गैसों यथा - कार्बन हाई-ऑक्साइड एवं कार्बन मोनोऑक्साइडआदि का उत्सर्जन हिता है जो वायुमंडल को प्रदूषित करती है |

    (ग) मालबए के ढेर यथा - काँच , हानिकारक जहरीले रसायन , पैकिंग , औघिगिक बहाव आदोई मिटटी की उर्वरता को नष्ट करते है |

    (घ) कारखानों और तापघरों के गर्म जल के नदियों में मिलाने से जलीय ताप में बढ़ोतरी होती है तो विभिन्न जलीय जीवों के लिए हानिकारक है |

    (ड) परमाणु उर्जा संयत्रों से निकालने वाले रेडियों एकिटव पदार्थें से कैंसर , जन्मजात अपंगता और असमय प्रसव जैसी बीमारियाँ होती है |

    (च)उघोगों के भारी शोर के कारण ध्वनि प्रदूषण होती है | 

    इस तरह उघोग विभिन्न प्रकार के प्रदूषण एवं बीमारियों के कारण है |

    (c) उघोगों द्वारा पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए उपायों की चर्चा करें ?

    उत्तर :- पर्यावरण निम्नीकरण को कम करने के लिए उठाए गए कतितय परामर्श इस प्रकार है :-

    (क) जल की जरूत्रतों की पूर्ति के लिए वर्षा के जल का संग्रहण करना चाहिए |

    (ख) विभिन्न औघोगिक प्रक्रियाओं में पानी का न्यूनतम इस्तेमाल किया जाना चाहिए | इसके अलावा दो या दो से अधिक उत्तरोत्तर अवस्थाओं में जल का पुर्नच्रकण के द्वारा पुन : इस्तेमाल किता जाना चाहिए | 

    (ग) जिन स्थानों पर भूमिगत जलस्तर निम्न अवस्था में है वहाँ पर उघोगो द्वारा ज्यादा जल के निष्कासन पर कानून९इ प्रतिबन्ध होना चाहिए |

    (घ) उघोगों द्वारा गर्म तथा अपशिष्ट जल को नदियों आदि में प्रवाहित करने से पहले उसका शोधन किया जान चाहिए |

    (ड) ध्वनि अवशोषण उपकरण तथा कानों पर शोर को नियानित्रत करने वाले उपकरण पहने जाने चाहिए |

    (च) उर्जा सक्शन मशीनरी का इस्तेमाल किया जाना चाहिए |

     

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