अयोध्या स्थित विवादित ढाँचे (राम मंदिर अथवा बाबरी मस्जिद)

अयोध्या स्थित विवादित ढाँचे (राम मंदिर अथवा बाबरी मस्जिद)

 अयोध्या में जो हिंदू संगठन राम मंदिर (एक भव्य और नए मंदिर का समर्थन कर रहे थे उन्होंने 1992 के दिसंबर में एक कार सेवा' कार्यक्रम का आयोजन किया इसके अंतर्गत रामभक्तों का आह्वान किया गया कि वे अयोध्या पहुँचकर राम मंदिर के निर्माण श्रमदान करें।

2. भाजपा, आर.एस.एस. विश्व हिंदू परिषद्, शिव सेना, बजरंग दल, दुर्गा वाहिनी, आदि के आह्वान पर कार सेवा के इच्छुक लोग बड़ी संख्या में अयोध्या पहुँचे। देश में माहौल तनावपर्ण हो गया। अयोध्या में यह तनाव सबसे ज्यादा दिखाई दिया।

3. मान्यवर सर्वोच्च न्यायालय ने उत्तर प्रदेश की राज्य सरकार को आदेश दिया कि वह विवादित स्थल की सुरक्षा का पूरा प्रबंध करे। जो भी हो 6 दिसंबर 1992 को उत्तर प्रदेश की सरकार उस स्थल की रक्षा नहीं कर सकी और उस ढाँचे को लोगों ने धराशायी कर दिया।

4. मस्जिद के विध्वंस के समाचार से देश के कई भागों में हिन्दू और मुसलमानों के बीच झडप हुई। 1993 के जनवरी में एक बार फिर मुंबई में हिंसा भड़की और अगले दो हफ्तों तक जारी रही। अयोध्या की घटना से कई बदलाव आए। उत्तर प्रदेश में सत्तासीन भाजपा की राज्य सरकार को केंद्र ने बर्खास्त कर दिया। इसके साथ ही दूसरे राज्यों में भी, जहाँ भाजपा की सरकार थी, राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया गया। चूँकि उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस बात का शपथ पत्र दिया था कि 'विवादित ढाँचे' की रक्षा की जाएगी इसलिए सर्वोच्च न्यायालय में उनके विरुद्ध अदालत की अवमानना का मुकदमा दायर हुआ।

5. भारतीय जनता पार्टी ने अधिकारिक तौर पर अयोध्या में घटित होने वाली घटना पर गहरा खेद व्यक्त किया। एक जाँच आयोग नियुक्त किया गया और उसने सरकार के निर्देशानुसार उन घटनाओं की जाँच शुरू की जिनकी वजह से अयोध्या स्थित प्राचीन ऐतिहासिक मस्जिद का विध्वंस हुआ। अनेक नेताओं ने देश के धर्मनिरपेक्ष स्वरूप पर सवाल उठाए। धर्म के नाम पर हिंसा कोई भी सरुप्रदाय करे या कोई राजनीतिक पार्टी करे चाहे वह 1984 के सिख विरोधी दंगे हों या 1992-93 में हुए साम्प्रदायिक दंगे मुम्बई एवं अन्य शहरों और स्थानों में हुए हों या 2002 में फरवरी मार्च में गुजरात में हिंदू या मुसलमानों के विरुद्ध हुए हों। दंगों में दोनों सम्प्रदायों और अनेक निर्दोष अन्य धर्मावलंबियों की भी जान, मान और माल को हानि पहुँचती है। _____ सर्वोच्च न्यायालय ने नवम्बर, 2019 को अपने फैसले में अयोध्या में रामलला मंदिर के अस्तित्व को स्वीकार कर लिया है। मुस्लिमों को अलग 5 एकड़ जमीन दी गई है। अतएव यह समस्या का अंत हो गया।


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