केरल में प्रथम कम्युनिस्टों की जीत और धारा 356 का काँग्रेस द्वारा दुरुपयोग विषय पर टिप्पणी लिखिए।

 केरल में प्रथम कम्युनिस्टों की जीत और धारा 356 का काँग्रेस द्वारा दुरुपयोग विषय पर टिप्पणी लिखिए।

Ans. I. केरल में कम्युनिस्टों की प्रथम चुनावी जीत (The first election victory of the Communist Party in Kerala)-1957 ई. में ही काँग्रेस पार्टी ने केरल में हार का स्वाद चखना पड़ रहा था। 1957 के मार्च महीने में जो विधानसभा चुनावों के चुनाव हुए उनमें कम्युनिस्ट पार्टी को केरल की विधानसभा के लिए सबसे ज्यादा सीटें मिलीं। कम्युनिस्ट पार्टी को कुल 126 में से 76 सीटें हासिल हुईं और पाँच स्वतंत्र उम्मीदवारों का भी समर्थन इस पार्टी को प्राप्त था। राज्यपाल ने कम्युनिस्ट विधायक दल के नेता ई० एम० एस० नम्बूदरीपाद को सरकार बनाने का न्यौता दिया। दुनिया में यह पहला अवसर था। जब एक कम्युनिस्ट पार्टी की सरकार लोकतांत्रिक चुनावों के जरिए बनी।

संविधान की धारा 356 का दुरुपयोग (Misurse ofArticle356 of the Constitution) केरल में सत्ता से बेदखल होने पर काँग्रेस पार्टी ने निर्वाचित सरकार के खिलाफ 'मुक्ति संघर्ष' छेड़ दिया। भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी सत्ता में इस वायदे के साथ आई थी कि वह कुछ क्रांतिकारी तथा प्रगतिशील नीतिगत पहल करेगी। कम्युनिस्ट पार्टी का कहना था कि इस संघर्ष की अगुआई निहित स्वार्थ

और धार्मिक संगठन कर रहे हैं। 1959 में केंद्र की काँग्रेस सरकार ने संविधान के अनुच्छेद 356 के अंतर्गत केरल की कम्युनिस्ट सरकार को बर्खास्त कर दिया। यह फैसला बड़ा विवादास्पद साबित हुआ। संविधान-प्रदत्त आपातकालीन शक्तियों के दुरुपयोग के पहले उदाहरण के रूप में फैसले का बार-बार उल्लेख किया जाता है।

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