वी० डी० सावरकर कौन था? उन्होंने हिंदुत्व के महत्त्व की किन शब्दों में व्याख्या की?
(Who was VD Savarkar? In what words did he explain the importance of Hindutva?))
Ans. 1. परिचय (Introduction) वी० डी० सावरकर भारत के महान् स्वतंत्रता सेनानी तथा क्रांतिकारी थे, जिन्होंने देश के भीतर और देश के बाहर क्रांतिकारियों से मिलकर देश की आजादी में भाग लिया। 1 जून, 1909 को उन्हीं के एक घनिष्ठ मित्र और साथी मदन लाल धींगड़ा ने लंदन में उस अंग्रेज अधिकारी (यानी सर विलियम कर्जन) की हत्या कर दी, जो अनेक निर्दोष लोगों की भारत में हत्याओं के लिए जिम्मेवार था वी० डी० सावरकर को कुछ समय बाद (अप्रैल 1910) कैद कर लिया गया और भारत जहाज पर बिठा कर भेज दिया गया। उन्होंने विदेशी सरकार को चकमा देकर जहाज से कूदकर समुद्र पार किया। वह उस समुद्र तट पर पहुँच गए जो उस समय फ्रांसीसियों के कब्जे में था। उन्होंने अपनी पुस्तक में 1857 के विप्लव को प्रथम भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की संज्ञा दी।
2. हिंदुत्व और उसकी व्याख्या (Hindutav and it explanation)-(i) 'हिंदुत्व' अथवा 'हिन्दूपन' शब्द को वी. डी. सावरकर ने गढ़ा (coined) था और इसको परिभाषित (defined) करते हुए उन्होंने इसे भारतीय (और उनके शब्दों में हिन्दू) राष्ट्र की बुनियाद (नीव) बताया। उनके कहने का तात्पर्य यह था कि भारत राष्ट्र का नागरिक वही हो सकता है जो भारतभूमि को न सिर्फ 'पितृभूमि' बल्कि अपनी 'पुण्यभूमि' भी स्वीकार करे। __ii) हिंदुत्व के समर्थकों का तर्क है कि मजबूत राष्ट्र सिर्फ स्वीकृत राष्ट्रीय संस्कृति की बुनियाद पर ही बनाया जा सकता है। वे यह भी मानते हैं कि भारत के संदर्भ में राष्ट्रीयता की बुनियाद केवल हिन्दू संस्कृति (जो बहुत उदार एवं जिसकी पाचन शक्ति अद्भुत है) ही हो सकती है।
No comments: