भारत-बांग्लादेश के बीच विवाद के मुख्य मुद्दे क्या हैं?

 भारत-बांग्लादेश के बीच विवाद के मुख्य मुद्दे क्या हैं?

Ans. भारत और बांग्लादेश के बीच विवाद के मुख्य बिंदु निम्नलिखित हैं

(i) नदी जल विवाद, (ii) शरणार्थियों की समस्या, (iii) बांग्लादेशी नागरिकों की भारत में अवैध घुसपैठ, (iv) काँटेदार बाड का विवाद. (v) चकमा शरणार्थियों की वापसी की समस्या।


भारत-बांग्लादेश संबंध

भारत और बांग्लादेश के मध्य द्विपक्षीय सहयोग की शुरुआत वर्ष 1971 में हो गई थी, जब भारत ने बांग्लादेश राष्ट्र का समर्थन करते हुए अपनी शांति सेना भेजी थी। इसी कारण दोनों के मध्य एक भावनात्मक संबंध भी बना हुआ है। किसी भी देश के लिये यह आवश्यक होता है कि उसके पड़ोसी देशों के साथ उसके रिश्ते अच्छे और मज़बूत रहें, खासकर एशियाई क्षेत्र में जहाँ आतंकवाद के बड़ा खतरा है। बीते वर्ष 2017 की बैठक में भारत और बांग्लादेश के संबंधों को एक नया आयाम दिया गया और कुल 11 समझौतों तथा 24 समझौता ज्ञापनों पर हस्ताक्षर किये गए थे।

What are the main issues of dispute between India and Bangladesh?

Following are the main points of dispute between India and Bangladesh


(i) River water dispute, (ii) Refugee problem, (iii) Illegal infiltration of Bangladeshi citizens into India, (iv) Forked fence dispute. (v) Return problem of Dodge Refugees.

 अपने राज्य के उच्च न्यायालय के संगठन तथा अधिकार क्षेत्र का वर्णन करें। सन्यायालय की स्वतंत्रता किस प्रकार संरक्षित की गई है?

An उच्च न्यायालय हमारे राज्य का मुख्य न्यायालय है। यह राज्य के न्यायिक संगठन की पर अवस्थित है। संविधान में यह भी कहा गया है कि प्रत्येक राज्य में एक उच्च न्यायालय संसद अपने कानून द्वारा दो या दो से अधिक राज्यों या केन्द्र शासित क्षेत्र के लिए संयक्त

यालय की स्थापना कर सकती है तथा उच्च न्यायालयों की स्थापना या इससे सम्बन्धित उच्च न्यायालय की स्थापना कर व्यवस्था में परिवर्तन का अधिकार संसद को प्राप्त है।

नियक्ति उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की नियुक्ति राष्ट्रपति सर्वोच्च न्यायालय के ल्य न्यायाधीश तथा सम्बद्ध राज्य के राज्यपाल के परामर्श से करता है तथा अन्य न्यायाधीशों की नियक्ति में उस राज्य के मुख्य न्यायाधीशों से परामर्श लेना होता है। स्थायी न्यायाधीशों के राष्टपति उच्च न्यायालय में अस्थायी तथा अतिरिक्त न्यायाधीशों की नियुक्ति करसकता है लेकिन अतिरिक्त न्यायाधीश पद पर केवल 62 वर्ष की उम्र तक ही बने रह सकते है। मुख्य न्यायाधीश को 2,50,000 हजार और अन्य न्यायाधीश को 2,25,000 मासिक वेतन एवं अन्यान्य भत्ते मिलते है।

उच्च न्यायालय का क्षेत्राधिकार उच्च न्यायालय के क्षेत्राधिकारों को निम्नलिखित शीर्षकों के अन्तर्गत विभाजित कर अध्ययन किया जा सकता है

1. प्रारंभिक क्षेत्राधिकार-भारत के सभी उचच न्यायालयों को अब प्रारंभिक अधिकार प्राप्त हो गये हैं। संविधान लागू होने के पहले यह अधिकार केवल कलकत्ता, बम्बई और मद्रास के उच्च न्यायालयों को ही प्राप्त था। अन्य उच्च न्यायालयों को केवल अपीलीय अधिकार था, प्रारंभिक अधिकार था। परन्तु अब एक निश्चित राशि अर्थात् 2000 रुपये की रकम की मुकदमें सीधे उच्च न्यायालय में भी पेश किये जा सकते हैं। इसके अलावे नौकाधिकारण, वसीयत, विवाह विच्छेद, विवाह विधि, कम्पनी कानुन तथा न्यायालय के अपमान आदि से सम्बद्ध मामले भी अब सीधे उच्च न्यायालय में पेश किये जाते हैं। राजस्व तथा उससे सम्बद्ध विषय भी अब उच्च न्यायालय के प्रारंभिक क्षेत्राधिकार में आ गये हैं। इसके साथ ही यदि उच्च न्यायालय को यह समझ में आ जाय कि कोई विधि संविधान के विपरीत है तो उसे अवैध घोषित कर सकता है।

2. अपीलीय अधिकार-भारत के सभी उच्च न्यायालय को दिवानी और फौजदारी दोनों मामलों में अपीलीय अधिकार प्राप्त है। जहाँ तक दिवानी मामलों का प्रश्न है कोई भी दिवानी मुकदमा जो रुपये मूल्य का हो उच्च न्यायालय में अपील हेतु लाया जा सकता है इसके अलावा कोई न्यायालय निम्न न्यायालय में विरुद्ध किसी अपील पर निर्णय देता है तो उस न्यायालय के विरुद्ध भी उच्च न्यायालय में अपील की जा सकती है।

__ भारत में अभी 25 उच्च न्यायालय कार्यरत है, जबकि राज्यों की संख्या 28 और केन्द्रशासित राज्यों की संख्या 8 है।

No comments: